by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, प्यारी शायरी, वक्त-शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - November 17, 2016 सबके लिए अलग सबके लिए अलग अलग मायने रखता हूँ… कोई “ज़रुरत” तो कोई और “आदत” बुलाता है मुझे!.