by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, प्यारी शायरी, वक्त-शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - November 16, 2016 गंगा का पानी गंगा का पानी छिड़क दो मेरे __”ख़त”__ पर। भटकती हुई रूह है उसमें मेरे अल्फ़ाज़ों की।।