एक सिलसिले की उम्मीद

एक सिलसिले की उम्मीद थी जिनसे;
वही फ़ासले बनाते गये!
हम तो पास आने की कोशिश में थे;
ना जाने क्यूँ वो हमसे दूरियाँ बढ़ाते गये!

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