by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, गुस्ताखियां शायरी, जिंदगी शायरी, दर्द शायरी, प्यार शायरी, प्यारी शायरी, वक्त-शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - September 16, 2016 हमारी बेरुखी की देन है हमारी बेरुखी की देन है बाज़ार की ज़ीनत अगर हम में वफा होती तो यह कोठा नहीं होता |