आज समझ ले

आज समझ ले
कल ये मौका हाथ ना तेरे आएगा
ओ गफलत की नींद में सोने वाले कल पछतायेगा

चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा|

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