by pyarishayri - Heart Touching Shayri, Hindi Shayri, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, पारिवारिक शायरी, प्यार शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - December 6, 2016 घर की इस बार घर की इस बार मुकम्मल मै तलाशी लूँगा ग़म छुपा कर मेरे माँ बाप कहाँ रखते है..