by pyarishayri - Hindi Shayri, जिंदगी शायरी, दर्द शायरी, दोस्ती शायरी, नफ़रत शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी - December 15, 2015 फूल थे गैर की किस्मत फूल थे गैर की किस्मत में अगर ऐ जालिम, तूने पत्थर ही फेंक के मुझे मारा होता।