by pyarishayri - Hindi Shayri, जिंदगी शायरी, दर्द शायरी, दोस्ती शायरी, नफ़रत शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी - December 15, 2015 एक ही ख़्वाब एक ही ख़्वाब ने सारी रात जगाया है, मैंने हर करवट सोने की कोशिश की………