क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज, हाल हमारा पूँछ कर , हाल हमारा वही है जो तुमने बना रखा है..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज, हाल हमारा पूँछ कर , हाल हमारा वही है जो तुमने बना रखा है..