बे-नाम सा ये दर्द

बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता,
जो बीत गया है वो गुज़र क्यूँ नहीं जाता..

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version