by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, प्यारी शायरी, वक्त-शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - November 3, 2016 ग़म किस तरह हो ग़म किस तरह हो कम जो मिले ऐसे ग़म-गुसार, ग़म की नज़ाकतों को जो पहचानते नहीं..