तज़ुर्बा है मेरा

तज़ुर्बा है मेरा….

मिट्टी की पकड़
मजबुत होती है,
संगमरमर पर तो हमने

पाँव फिसलते देखे हैं…!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *