by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, गुस्ताखियां शायरी, जिंदगी शायरी, दर्द शायरी, प्यार शायरी, प्यारी शायरी, वक्त-शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - September 16, 2016 क़लम के कीड़े हैं क़लम के कीड़े हैं, हम जब भी मचलते हैं खुरदुरे काग़ज़ पे रेशमी ख्वाब बुनते हैं |