by pyarishayri - Hindi Shayri, Sad Shayri, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - December 8, 2016 भटकने दे तेरी गलीयों में भटकने दे तेरी गलीयों में बनजारों की तरह,आराम की जिंदगी भी तेरे बगैर बेजान लगती है|