by pyarishayri - Facebook Status, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस - June 29, 2017 फ़रार हो गई होती फ़रार हो गई होती कभी की रूह मिरी बस एक जिस्म का एहसान रोक लेता है|