दुनिया वाले गली-गली में दीवार बनाते हैं
मुहब्बत का सर काट दे वो तलवार बनाते हैं
ये अदा है दुश्मनी की जो हर आशिक को
अपनी ही मौत का तलबगार बनाते हैं|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दुनिया वाले गली-गली में दीवार बनाते हैं
मुहब्बत का सर काट दे वो तलवार बनाते हैं
ये अदा है दुश्मनी की जो हर आशिक को
अपनी ही मौत का तलबगार बनाते हैं|