मेरी चाहतें तुमसे अलग कब हैं, दिल की बातें तुम से छुपी कब हैं;
तुम साथ रहो दिल में धड़कन की जगह, फिर ज़िन्दगी को साँसों की ज़रूरत कब है।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मेरी चाहतें तुमसे अलग कब हैं, दिल की बातें तुम से छुपी कब हैं;
तुम साथ रहो दिल में धड़कन की जगह, फिर ज़िन्दगी को साँसों की ज़रूरत कब है।