जागना भी कुबूल है तेरी यादों में रातभर,
तेरे अहेसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जागना भी कुबूल है तेरी यादों में रातभर,
तेरे अहेसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ !!