ग़रीब समझकर आज उसने उठा दिया हमें अपनी महफ़िल से ?
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कोई मेरी ख़ातिर पूछे उनसे, क्या चाँद की महफ़िल में सितारे
नहीं होते ??
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ग़रीब समझकर आज उसने उठा दिया हमें अपनी महफ़िल से ?
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कोई मेरी ख़ातिर पूछे उनसे, क्या चाँद की महफ़िल में सितारे
नहीं होते ??