by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, गज़ल, गुस्ताखियां शायरी, जिंदगी शायरी, दर्द शायरी, प्यारी शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - November 28, 2016 देखे जो बुरे दिन देखे जो बुरे दिन तो ये बात समझ आई, इस दौर में यारों का औकात से रिश्ता है।