खुल सकती हैं गांठे, बस जरा से जतन से…
पर लोग कैंचियाँ चला कर, सारा फ़साना बदल देते हैं !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
खुल सकती हैं गांठे, बस जरा से जतन से…
पर लोग कैंचियाँ चला कर, सारा फ़साना बदल देते हैं !!