सारी उम्र गुज़री यूँ ही रिश्तों की तुरपाई में…..
मन के रिश्ते पक्के निकले,
बाक़ी उधड़ गए कच्ची सिलाई में ..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सारी उम्र गुज़री यूँ ही रिश्तों की तुरपाई में…..
मन के रिश्ते पक्के निकले,
बाक़ी उधड़ गए कच्ची सिलाई में ..