हम नहीं सीख पा रहे ये तेरे शहर का रिवाज ।
जिससे काम निकल जाये उसे जिन्दगी से निकाल दो ।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हम नहीं सीख पा रहे ये तेरे शहर का रिवाज ।
जिससे काम निकल जाये उसे जिन्दगी से निकाल दो ।