by pyarishayri - Hindi Shayri, Sad Bewafa Shayri, Sad Shayri, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, Zindagi Shayri, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - July 6, 2016 पलट कर न आ पलट कर न आ जाये फ़िर सांस नब्ज़ों में.. इतने हसीन हाथो से मय्यत सजा रहा है कोई..