कौन कहता है के मुसाफिर ज़ख़्मी नहीं होते,
रास्ते गवाह है,
बस कमबख्त गवाही नहीं देते ।।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कौन कहता है के मुसाफिर ज़ख़्मी नहीं होते,
रास्ते गवाह है,
बस कमबख्त गवाही नहीं देते ।।