आलमारी मैं बंद रखा जाता है कभी पहना नहीं जाता
हाल अपना भी अब बेवा के जेवर जैंसा हो गया है|
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Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !