by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, Urdu Shayri, जिंदगी शायरी, दर्द शायरी, प्यारी शायरी, वक्त-शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - October 15, 2016 मेरे मुकद्दर का भी मेरे मुकद्दर का भी ये गिला रहा मुझसे किसी और का होता तो कब का संवर गया होता |