मंजिल मिल ही जायेगी, भटकते हुए ही सही..
गुमराह तो वो हैं, जो घर से निकले ही नहीं।
by pyarishayri - Facebook Status, Sad Shayri, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, जिंदगी शायरी, दर्द शायरी, प्यार शायरी, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी -
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !