साज़िशें लाखों बनती हैं, मेरी हस्ती मिटाने की! बस दुआएँ मेरी माँ की, उन्हें मुकम्मल होने नहीं देतीं।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
साज़िशें लाखों बनती हैं, मेरी हस्ती मिटाने की! बस दुआएँ मेरी माँ की, उन्हें मुकम्मल होने नहीं देतीं।