by pyarishayri - Hindi Shayri, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, जिंदगी शायरी, दर्द शायरी, प्यार शायरी - January 7, 2016 वो शक्स रोज वो शक्स रोज देखता है डूबते हुये सूरज को काश हम भी किसी शाम का मंजर होते