निकाल दिया उसने हमें अपनी ज़िन्दगी से भीगे कागज़ की तरह,
ना लिखने के काबिल छोड़ा, ना जलने के |
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
निकाल दिया उसने हमें अपनी ज़िन्दगी से भीगे कागज़ की तरह,
ना लिखने के काबिल छोड़ा, ना जलने के |