निकाल दिया उसने हमें,
अपनी ज़िन्दगी से भीगे
कागज़ की तरह,
ना लिखने के
काबिल छोड़ा,
ना जलने के..!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
निकाल दिया उसने हमें,
अपनी ज़िन्दगी से भीगे
कागज़ की तरह,
ना लिखने के
काबिल छोड़ा,
ना जलने के..!