खमोश लब हैं

खमोश लब हैं झुकी है पलकें,
दिलों में उल्फत नई नई है ,,
अभी तकल्लुफ है गुफ़्तगू में,
अभी मुहब्बत ये नई-नई है,,
अभी न आएगी नींद तुमको ,
अभी न हमको सुकूं मिलेगा ,,
अभी तो धड़केगा दिल ज़्यादा,
अभी ये चाहत नई नई है ,,
जो खानदानी रईस हैं वो ,
मिज़ाज रखते हैं नर्म अपना,
तुम्हारा लहजा बता रहा है ,
तुम्हारी ये दौलत नई नई है ,
जरा सा कुदरत ने क्या नवाज़ा,
कि आ के बैठे हो पहली सफ में,
अभी से उड़ने लगे हवा में ,
अभी ये शोहरत नयी नयी है ||

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