बहा के आंसू कल रात माँगा था उसे
मगर अफ़सोस
फरिश्तो ने कहा शर्त-ए-कबुलियत ये है की दुआ दोनों तरफ से हो
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बहा के आंसू कल रात माँगा था उसे
मगर अफ़सोस
फरिश्तो ने कहा शर्त-ए-कबुलियत ये है की दुआ दोनों तरफ से हो