नौकरी की चाहत में दिन भर जाने भटका होगा कैसे
जिसके बटवे में रखने को कम गिनने को ज्यादा हैं
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
नौकरी की चाहत में दिन भर जाने भटका होगा कैसे
जिसके बटवे में रखने को कम गिनने को ज्यादा हैं