फिर नहीं बसते वो दिल जो इक बार टूट जायें…
कब्रें कितनी ही सँवार लो लोग जिंदा नहीं हुआ करते….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
फिर नहीं बसते वो दिल जो इक बार टूट जायें…
कब्रें कितनी ही सँवार लो लोग जिंदा नहीं हुआ करते….