by pyarishayri - Hindi Shayri, Sad Shayri, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - March 27, 2017 थी विरह की रात थी विरह की रात वो और दर्द बेशुमार था…!!! रोते रोते हँस दिया न जाने कैसा प्यार था…!!!