जूते मेरे वालिद के क्या मेरे पैरों में आने लगे
हम तो कमाने के लिए बस ठोकरें खाने लगे …..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जूते मेरे वालिद के क्या मेरे पैरों में आने लगे
हम तो कमाने के लिए बस ठोकरें खाने लगे …..