कोशिशें आज भी जारी हैं
हर वक्त
मुस्कराने की!
पर कमबख्त़ ये आँखें
धोख़ा दे ही जाती हैं
कोशिशें
आज भी जारी हैं
जख्मों को छुपाने की!
पर कमबख्त़ ये दुनियाँ
उन्हें कुरेद जाती है!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कोशिशें आज भी जारी हैं
हर वक्त
मुस्कराने की!
पर कमबख्त़ ये आँखें
धोख़ा दे ही जाती हैं
कोशिशें
आज भी जारी हैं
जख्मों को छुपाने की!
पर कमबख्त़ ये दुनियाँ
उन्हें कुरेद जाती है!