by pyarishayri - Sad Shayri, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, Zindagi Shayri, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - December 17, 2016 कोई मंज़िल के क़रीब कोई मंज़िल के क़रीब आ के भटक जाता है कोई मंज़िल पे पहुँचता है भटक जाने से…