by pyarishayri - बेवफा शायरी, मौसम शायरी, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - February 28, 2017 क़ैद ख़ानें हैं क़ैद ख़ानें हैं , बिन सलाख़ों के कुछ यूँ चर्चें हैं , तुम्हारी आँखों के.