by pyarishayri - बेवफा शायरी, मौसम शायरी, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - January 13, 2017 कलम गई हड़ताल पे कलम गई हड़ताल पे, सोच गई वनवास। कैसे क्या किससे लिखूँ, क्या है मेरे पास।।