by pyarishayri - Facebook Status, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - December 10, 2016 आंसू हर ज़ख्म के आंसू हर ज़ख्म के हिस्से में नहीं होते हैं आह अब दर्द घटाए ये जरूरी तो नहीं|