ए दुश्मनो उठाओ हाथ

ना तबीबों की तलब है न दुआ मांगी

है नी मैं जां हु बस तेरे दामन की हवा मांगी है ए दुश्मनो उठाओ हाथ मांगो जिन्दगी मेरी।

क्यों की दोस्तों ने मेरे मरने की दुआ मांगी है

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