नशे में चूर होगी तू किसी ग़ैर की बांहों में,
दबाकर लकड़ियों में जब मुझे दुनिया जलायेगी
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
नशे में चूर होगी तू किसी ग़ैर की बांहों में,
दबाकर लकड़ियों में जब मुझे दुनिया जलायेगी
इस दौर ए तरक्की में…जिक्र ए मुहब्बत.
यकीनन आप पागल हैं…संभालिये खुद को
हँसते हुए चेहरों को ग़मों से आजाद ना समझो,
मुस्कुराहट की पनाहों में हजारों दर्द होते हैं!
देखेंगे अब जिंदगी चित होगी या पट,
हम किस्मत का सिक्का उछाल बैठे हैं।
तंग सी आ गयी है सादगी मेरी मुझसे
ही
के हमें भी ले डूबे कोई अपनी अवारगी में..!!
अब इस से बढ़कर क्या हो विरासत फ़कीर की..
बच्चे को अपनी भीख का कटोरा तो दे गया..
चल पड़ा हूँ मगर दिल से ये चाहता हूँ..
उठ के मुझे वो रोक ले और रास्ता ना दे..
देर तक सीने पे मेरे सर रख कर तुम रोई थी..
मेरे बिन क्या जी लोगी…बस इतना ही पूछा था..
तुमको तो तुम्हारी ये नजर ले बैठेगी
हमको ये मोहब्बत बेखबर ले बैठेगी
कभी राजी तो कभी मुझसे खफ़ा लगती है ………
जिंदगी तू ही बता , तू मेरी क्या लगती है