इन्हीं पत्थरों पे

इन्हीं पत्थरों पे चल कर अगर आ सको तो आओ मेरे घर के रास्ते में कोई कहकशाँ नहीं है

उम्र की ढलान में

उम्र की ढलान में “इश्क़” होना कोई अचरज की बात नही ं गेंद जब पुरानी हो जाती है तब “रिवर्स स्विंग” लेती है…।

कैसी भी हो एक बहन

कैसी भी हो एक बहन होनी चाहिये……….। . बड़ी हो तो माँ- बाप से बचाने वाली. छोटी हो तो हमारे पीठ पिछे छुपने वाली……….॥ . बड़ी हो तो चुपचाप हमारे पाँकेट मे पैसे रखने वाली, छोटी हो तो चुपचाप पैसे निकाल लेने वाली………॥ . छोटी हो या बड़ी, छोटी- छोटी बातों पे लड़ने वाली,एक बहन… Continue reading कैसी भी हो एक बहन

बहुत मासूम हसरत

बहुत मासूम हसरत है बताओ क्या किया जाए, मुझे तुम से मोहब्बत है बताओ क्या किया जाए

मुस्कुराने की आदत

मुस्कुराने की आदत भी कितनी महँगी पड़ी हमको,…. भुला दिया सब ने ये कह कर की “तुम तो अकेले भी खुश रह लेते

लफ्जों में उलझाना नहीं

लफ्जों में उलझाना नहीं आता, बात साफ है की, बहुत याद आ रहे हो तुम…..

फ़रेब-ए- ज़िन्दगी

फ़रेब-ए- ज़िन्दगी खाकर भी चालाकी नहीं आई, कि पानी में भी रहकर भी हमको तैराकी नहीं आई…!

ख्वाहिश उनकी एक

ख्वाहिश उनकी एक पुरानी साइकिल की है…. इमारतों के नीचे, जो महँगी गाड़ियाँ धोते हैं….

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