ऐ दिल सोजा

ऐ दिल सोजा, अब तेरी शायरी पढ़ने वाली अब किसी और शायर की गजल बन गयी है..⁠⁠⁠⁠

चले भी आओ तसव्वुर में

चले भी आओ तसव्वुर में मेहरबां बनकर….. आज इंतज़ार तेरा….. दिल को…. हद से कुछ ज्यादा है

कभी जो थक जाओ तुम दुनिया की

कभी जो थक जाओ तुम दुनिया की महफिलों से, तो हमें आवाज़ दे देना…हम आज भी अकेले रहते है ॥

अच्छा हुआ जिसे चाहा

अच्छा हुआ जिसे चाहा…. उसके नही हुए…… नही तो हम गुलाम ही हो जाते…..

हाथ काँप गए

हाथ काँप गए, दिल से उसका अक्स मिटाते, कभी कभी जीने के लिए क्या क्या करना पड़ता है..

बेवफा लोगो को हम से बेहतर कौन जानेगा

बेवफा लोगो को हम से बेहतर कौन जानेगा..! हम तो वो दीवाने हैं जिन्हे किसी की नफरत से भी प्यार था..!!

वो कहती है मेरे पास रहो

वो कहती है मेरे पास रहो… आस पास रहो… मेरे इश्क़ में दिन रात रहो !! यानि कि … बर्बाद थे ,बर्बाद हो ,बर्बाद रहो…!!

हैरान कर दिया उसने आँसुओं की वजह

हैरान कर दिया उसने आँसुओं की वजह पूछ कर, जो शक़्स कभी मुझको मुझसे ज़्यादा जानता था…!!!

बेरंग लिफाफों में लिपटे खत

बेरंग लिफाफों में लिपटे खत,खतों में लेखक के हिस्से हैं, फाड़ कर फेंक देना इन्हें ये इश्क़ के झूठे किस्से हैं…!!!

कभी टूटा नहीं मेरे दिल से तेरी यादों

कभी टूटा नहीं मेरे दिल से तेरी यादों का रिश्ता, बातचीत किसी से भी हो, ख्याल तेरा ही रहता है…!!!

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