कितना मुश्किल है मनाना उस शख्स को

कितना मुश्किल है मनाना उस शख्स को .. !! जो रूठा भी ना हो और बात भी ना करे .. !!

उसकी मोहब्बत का सिलसिला

उसकी मोहब्बत का सिलसिला भी क्या अजीब था अपना भी ना बनाया और किसी और का होने भी ना दिया ।

यह सुबह का मंजर भी

यह सुबह का मंजर भी कयामत सा हसीन है.. तकिया है कही.. जुल्फे कही.. खुद वो कही है..

कभी कभी वजह भी दे दिया करो

मशवरा तो देते रहते हो कि खुश रहा करो, कभी कभी वजह भी दे दिया करो

जरा सी रंजिश पर ना छोड़

जरा सी रंजिश पर ना छोड़ किसी अपने का साथ…….. जिंदगी बीत जाती है अपनों को अपना बनाने मै……।

अपने सिवा कोई मिला है क्या तुम्हे

अपने सिवा कोई मिला है क्या तुम्हे ? हज़ारों बार ली तुमने मेरे दिल की तलाशियां…!

महक उतनी ही बिखरी

इलाईची के दानों सा, मुक़द्दर है अपना…! महक उतनी ही बिखरी … जितने पीसे गए

आँख बंद करके चलाना खंजर

आँख बंद करके चलाना खंजर मुझ पे , कही मैं मुस्कुराया तो तुम पहले मर जाओ गे ,

रहने दे अंधेरे मे मुझे

रहने दे अंधेरे मे मुझे…. गालिब उजाले मे अपनो के असली चेहरे नजर आ जाते हैँ….!

चलो मुस्कुराने की वजह ढूँढते हैँ

चलो मुस्कुराने की वजह ढूँढते हैँ… तुम हमेँ ढूँढो.. हम तुम्हेँ ढूँढते हैँ..

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