by pyarishayri - Mosam Shayri, WhatsApp Status, Zindagi Shayri, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - June 12, 2017 रोज़ बदलो न इनको रोज़ बदलो न इनको यूँ लिबासों की तरह, ये रिश्तें हैं जनाब बाज़ारों में कहाँ मिलते हैं।