मेरे गुनाहों की सज़ा तुझे मिली है आज माना
अब तो ताउम्र मुझे, अपनी सज़ा का इंतज़ार होगा ।।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मेरे गुनाहों की सज़ा तुझे मिली है आज माना
अब तो ताउम्र मुझे, अपनी सज़ा का इंतज़ार होगा ।।